भावनाओं से नहीं संभावनाओं से जीवन संचालित होना चाहिए.
जीवन में संभावनाएं होंगी तभी बेहतरी के लिए, बेहतरी की ओर हमारे कदम उठेंगे-बढ़ेंगे.
संभावना क्षमताओं को कुंद नहीं होने देती, उन्हें क्षीजने नहीं देती.
संभावनाओं की कोई जात नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता, कोई वर्ण नहीं होता, कोई गोत्र नहीं होता.
संभावनाएं बस संभावनाएं होती हैं.
हर संभावना अपनी कोख में एक और संभावना लिए....सदैव संभावित रहती है.
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संभावनाओं से प्रेम करने पर ही अपनी विराटता का एहसास होता है.
संभावनाओं के प्रेम में पड़ने पर ही हम अपने भीतर उदात्तता और उदारता को प्रवाहित कर पाते हैं.
संभावना हमें इमानदारी और बेईमानी की कारोबारीय परिभाषा से मुक्त कराती है.
संभावना हमारे भीतर से हर किस्म की फांक मिटाती है.
संभावना अपने-पराये के भेद से निजात दिलाती है.
संभावना हमें जीवन बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती है, अपना ही नहीं, अपनों का, समूची कायनात का, समूची प्रजातिओं का, जड़ का, चेतन का.
संभावना हमें चैतन्य बनाती है,
संभावना हमें सर्जक बनाती है,
संभावना हमें रचनाशील बनाती है,
संभावना हमें गतिशील बनाती है,
संभावना हमें प्रगतिशील बनाती है.
संभावना विधेयक है, विधाता है, विधान है
संभावना का दामन पकड़ना आसान है.....
आइये संभावनाशील बनें.....