बुधवार, 4 मई 2011

आतंक, श्रद्धा और डर


लादेन मारा गया
सत्य साईं मर गए
दोनों ही मोस्ट वांटेड थे और रहेंगे

आतंक से श्रद्धा पैदा होती है
और श्रद्धा का आतंक कभी इंसान को उबरने नहीं देता

लादेन ने आतंक से श्रद्धा पैदा की
सत्य साईं ने श्रद्धा से आतंक फैलाया

दोनों ही इंसानियत के दुश्मन थे
दोनों ही मर चुके हैं

लेकिन डरे हुए इंसान मरे हुओं को कभी मरने नहीं देते
अपने डर के वलय में संजोंकर रखते हैं उन्हें
ताकि उनका डर
डर न लगे
श्रद्धा लगे, आस्था लगे, हौंसला लगे, प्रेरणा लगे

डरे हुए इंसान
इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन हैं
लादेन और सत्य साईं से भी बड़े

डरे हुए इंसान अतीत में रोप चुके हैं
और आगम में भी रोपेंगे अपना डर
यत्र-तत्र-सर्वत्र

इंसानियत और भविष्य को बचाना है
तो डरे हुए इंसानों 
तुम्हे मारना होगा अपने-अपने डर को

इंसानियत और भविष्य नहीं बचेगा
यदि डरा हुआ इन्सान मर जाए
अपने डर समेत एक दिन.... 


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