मेरी सबसे छोटी बिटिया सिया दहलीज़ पर खड़ी जाने क्या सोच रही है, क्या वह अपने भवितव्य को लेकर चिंतित है! उसके पैरों पर सूर्य किरणें कुछ इस तरह से बिखरी हैं कि मानों उसे रश्मियों के रथ पर लेकर परी-लोक जाना चाहती हों. बिटिया भी तो 'बैग' लेकर तैयार है और उसके 'बैग' से यह कौन झाँक रहा है!, ये तो सिया की 'गुड़िया' है...
मंगलवार, 8 मार्च 2011
खान-पान के अहम् फाल्गुन नियम
प्रतीकात्मक पेंटिंग : पुष्पेन्द्र फाल्गुन इन्टरनेट या टेलीविजन पर आभासी स्वरुप में हो या वास्तविक रुप में आहार अथवा खान-पान को लेकर त...
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1. कवितेच्या गर्भातून वेदनेला अर्थवाया शब्द शब्द गोळा केला एका एका अक्षरासी तप तप दिस गेला युगे युगे धुंडाळली तेव्हा आली ...
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तुम्हें देने के लिए मेरे पास है एक ख्वाब एक ख्वाब जिसका मेरी नज़रें कर रही हैं बोसा एक ख्वाब जिसका तुम्हारी नज़रें कर रही हैं बोसा
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११ मई २०११ को नागपुर के दीनानाथ हाईस्कूल में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की १५० वीं जयंती के निमित्त युवा कवियों के विचार नामक कार्यक्रम आयोज...